शुक्रवार, 21 जुलाई 2017

जीवेम शरदः शतं


जीवेम शरदः शतं 
सौ बरस जियो  !
अथवा जितने बरस जियो  . . 
हर पल को 
सौ गुना जियो !

नेक बनो ।
सादादिल रहो ।
कुछ अच्छा करने का 
संकल्प करो ।

कर्म करो  . .    
जैसा गीता में 
कृष्ण ने कहा ।
भक्त प्रह्लाद बनो ।
ध्रुव प्रश्न करो ।
अटल रहो  . . 
अपने चुने पथ पर ।

कीचड़ में 
कमल बन के खिलो ।
पराजय से 
परास्त मत हो । 
प्रस्तर से प्रतिमा गढ़ो ।  

धैर्य का कवच 
धारण करो ।
नदी की तरह बहो ।
अंतर्मन स्वच्छ करो ।

चाहे जो हो  . . 
भरपूर जियो ।
जीवन के 
हर अनुभव का 
मंथन करो ।
सार को गहो ।

दिये की तरह 
सजग रहो ।
जितने दिन जियो  . . 
हर एक दिन 
एक संपूर्ण जीवन जियो ।

          

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