सोमवार, 12 दिसंबर 2016
रविवार, 27 नवंबर 2016
दीये की लौ
एक मिट्टी के दीये की
अडिग अटूट लौ . .
मानो हाथ जोड़े
कर रही हो
वंदना आराध्य की ।
मानो कवि की कल्पना
बन गई हो प्रार्थना ।
मानो एकटक अपलक
झाँक रही हो
प्रियतम के मन में ।
मानो सर उठाये
निर्भय निर्द्वन्द,
अकेली खड़ी हो
सत्य की प्राचीर पर,
दृढ़ निश्चय का बाण ताने,
धनुष उठाए,
सामना करने
भवितव्य के आक्रमण का ।
बुधवार, 23 नवंबर 2016
मैं कैसे छोड़ दूँ कोशिश करना ?
सूरज की आड़ में
बार बार अँधेरा
उड़ाता है
मिट्टी के मामूली दीये का
मज़ाक ।
बार बार
याद दिलाता है उसे
उसकी औक़ात ।
तो क्या
मिट्टी का मामूली दीया
छोड़ देता है जलना ?
तो मैं कैसे छोड़ दूँ
कोशिश करना ?
दीये को पता है,
सूरज से उसका
क्या है रिश्ता ।
सूरज को पता है,
दीये बिना उसका
कोई नहीं अपना ।
सूरज का भरोसा है,
मिटटी का मामूली दीया ।
फिर मैं कैसे छोड़ दूँ
कोशिश करना ?
दीये ने कभी नहीं चाहा
सूरज की जगह लेना ।
बस अपना कर्तव्य जाना
चुपचाप जलना ।
अधीर ना होना ।
उजाले की आस बनाए रखना ।
अँधेरे में अलख जगाए रखना ।
एक मामूली मिट्टी का दीया
जब अकेला अकंपित डटा रहा,
तब मैं कैसे छोड़ दूँ
कोशिश करना ?
बार बार अँधेरा
उड़ाता है
मिट्टी के मामूली दीये का
मज़ाक ।
बार बार
याद दिलाता है उसे
उसकी औक़ात ।
तो क्या
मिट्टी का मामूली दीया
छोड़ देता है जलना ?
तो मैं कैसे छोड़ दूँ
कोशिश करना ?
दीये को पता है,
सूरज से उसका
क्या है रिश्ता ।
सूरज को पता है,
दीये बिना उसका
कोई नहीं अपना ।
सूरज का भरोसा है,
मिटटी का मामूली दीया ।
फिर मैं कैसे छोड़ दूँ
कोशिश करना ?
दीये ने कभी नहीं चाहा
सूरज की जगह लेना ।
बस अपना कर्तव्य जाना
चुपचाप जलना ।
अधीर ना होना ।
उजाले की आस बनाए रखना ।
अँधेरे में अलख जगाए रखना ।
एक मामूली मिट्टी का दीया
जब अकेला अकंपित डटा रहा,
तब मैं कैसे छोड़ दूँ
कोशिश करना ?
रविवार, 2 अक्तूबर 2016
लड़ाई अभी बाकी है
जंग जीत ली है ।
सीमा पर तैनात सिपाही ने
जंग जीत ली है।
हर हिंदुस्तानी को
सीना तान कर चलने की
वजह दी है ।
सीमा की लड़ाई
जवानों ने जीत ली है।
पर सीमा के भीतर की लड़ाई ..
वही जो बापू ने थी सिखाई।
याद है ना ?
हाँ वही .. सोच की लड़ाई।
सोच की लड़ाई ..
खुद को जीतने की लड़ाई।
मेरे हिस्से की लड़ाई अभी बाकी है।
मेरे हिस्से की लड़ाई अभी बाकी है।
मेरे हिस्से का कर्म योग अभी बाकी है।
इतने दिन अपना आँगन साफ़ रखा।
अपने मौहल्ले की सफ़ाई अभी बाकी है।
इतने दिन अपने रूप का जतन किया,
मन पर जमी धूल पोंछना अभी बाकी है।
इतने दिन अपनी आजीविका का साधन जुटाया ,
साधनहीन की गरीबी दूर करना अभी बाकी है।
इतने दिन ग़लत बातों का सिर्फ़ शिकवा किया ,
ग़लत का निर्भय हो सामना करना अभी बाकी है।
इतने दिन बुरी आदतों और रूढ़ियों का रोना रोया ,
दीमक सी चिपकी आदतों को सुधारना अभी बाकी है।
बाकी है।
मेरे हिस्से की लड़ाई अभी बाकी है।
सीमा पर तैनात सिपाही ने
जंग जीत ली है।
पर मेरे हिस्से की लड़ाई अभी बाकी है।
शनिवार, 1 अक्तूबर 2016
महालय
आज महालय के दिन माँ दुर्गा को जब देखा ,
बोला आज अदभुत है आपके मुख की आभा !
माँ ने मद्धम मद्धम मुस्कुरा कर आनंद से कहा..
जानते नहीं मेरे बेटों ने जो मेरा सिर ऊँचा किया ?
वो हर जवान जो देश की रक्षा में शहीद हुआ ..
वो हर जवान जो देश की सुरक्षा में डटा रहा ..
हर उस जवान ने माँ के दूध का क़र्ज़ अदा किया !
आज माँ दुर्गा में मैंने माँ भारती का दर्शन किया ।
गुरुवार, 21 जुलाई 2016
रविवार, 17 जुलाई 2016
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