कब तकमाँ दुर्गा हीमहिषासुर मर्दन करेंगी ?कब तकराजा राम हीरावण से युद्ध करेंगे ?यदि महिषासुरऔर दशाननहमारे भीतर की हीदशाएं हैं,तो हम अपनी लड़ाईखुद कब लड़ेंगे ?सामर्थ्य औरदायित्व बोध जोप्रसाद में पाया हमनेकब उस आत्मबल सेस्वयं अपनेमन के क्लेशहरेंगे हम ?