मिले - जुले रंगों की
बेतरतीब
आड़ी - तिरछी रेखाओं में भी
मनभावन
तस्वीर नज़र आने लगे . .
मेले में खरीदी लाल - हरी
कांच की चूड़ियां,
चटक चुनरी लहरिया,
मेहँदी रची हथेलियां,
मिर्च कुतरता तोता,
हरी घास,
अबीर गुलाल,
गेंदा और गुलाब,
और जो कहिये जनाब !
याद आने लगे !
कोई अच्छी - सी बात सूझे,
मन
जीवन का छंद
गुनगुनाने लगे,
समझिए
आपको सलीका आ गया !
मुबारक हो !
आपको जीना आ गया !